कला - कलाकार
Sunday, November 27, 2016
Tuesday, October 11, 2011
kala prichya
कला भावनाओं और विचारों का वो उबाल है जो मानव-जीवन की गतिविधियों को जिंदा रखता है तथा संसार की उपलब्धियों का इतिहास रचता है! कला जीवन है ; इससे भी ऊपर कला अनुभवों का वो सहलाब है जो हर जीवन की क्यारी को हरा-भरा करता है, जिसको खाती हैं हमारी ज़रूरतें, पहनती हैं हमारी आकृतियाँ, पढती हैं हमारी संवेदनाएं, रंगती हैं हमारी जिंदगियां, जिसको रचती हैं हमारी मौतें, पीती हैं हमारी जिज्ञाषा की प्यास, अनुभव करती हैं पकी हुई उम्रें, जिसके हर अंदाज़ में समाई हुई हैं जीवन की पीड़ा-जनक आहें!
हीरालाल राजस्थानी
हीरालाल राजस्थानी
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